“माताओं को स्वास्थ्य और संबल दे रही है-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना”

रायपुर, 07 अक्टूबर 2025/ मातृत्व हर स्त्री के जीवन का सबसे पवित्र और भावनात्मक अनुभव होता है, लेकिन यह अनुभव अनेक जिम्मेदारियों और चुनौतियों से भरा होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पौष्टिक आहार, उचित चिकित्सकीय देखभाल और मानसिक संबल की आवश्यकता होती है, परंतु आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह सब उपलब्ध कराना कठिन होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य है हर मां को मिले पोषण, सुरक्षा और सम्मान। योजना के अंतर्गत प्रथम गर्भावस्था में महिलाओं को 5000 रूपए की राशि दो किश्तों में सीधे बैंक खाते के माध्यम से दी जाती है। साथ ही द्वितीय प्रसव में बालिका के जन्म पर 6000 रुपए की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जाती है। यह आर्थिक सहयोग माताओं को गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल और पोषण प्राप्त करने में मदद करता है। बेमेतरा जिले के परियोजना बेरला के देवरबीजा-सेक्टर 01 में सैकड़ों माताएँ इस योजना का लाभ उठा रही हैं। ग्राम डंगनिया बी की श्रीमती मोनिका ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से मिली सहायता से मैंने गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार ली, डॉक्टर से नियमित जांच कराई और बच्चे के जन्म के बाद उसके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया। आज मैं और मेरा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना ने महिलाओं में न केवल आत्मनिर्भरता की भावना जगाई है, बल्कि उनमें स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। योजना की लाभार्थी महिलाएं अब अन्य गर्भवती माताओं को भी प्रेरित कर रही हैं कि वे समय पर पंजीकरण कर योजना से जुड़ें। जिला बेमेतरा सहित प्रदेश के सभी जिलों में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक गर्भवती महिलाएँ योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। विभाग का उद्देश्य “स्वस्थ मां -स्वस्थ शिशु, स्वस्थ भारत” के लक्ष्य को साकार करना है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना मातृत्व की गरिमा और सुरक्षा को सशक्त करने की दिशा में केंद्र सरकार की ऐतिहासिक पहल है। इस योजना ने प्रदेश की लाखों माताओं को आर्थिक और मानसिक संबल प्रदान किया है, जिससे वे अपने शिशु के बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकी हैं।


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